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H .I .V पीडितो से दुरी क्यूँ ……..

कलम की आवाज़ से
कलम की आवाज़ से
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एड्स एक ऐसे घातक बीमारी है जो अन्दर ही अन्दर इंसानों को खा जाता है आज पुरे दुनिया में एड्स से कई व्यक्ति पीड़ित है एड्स से होने के कई कारन है ,,,
हाल ही में एक घटना हुई थी जिसमे एक सड़क हादसे में एक पूरा परिवार घम्भीर रूप से घायल हो गया था जब ……हॉस्पिटल में उनका इलाज हुआ और फिर जब ब्लड टेस्ट हुआ तो पाया गया की उनका H . I .V पोसिटिव है ऐसा खबर सुन कर दोनों पति पत्नी का क्या हाल होता होगा वो तो वही समझे गे लेकिन वे जिस गाव के रहने वाले थे उन गाव लोगो ने तो उनसे बात करना छोड़ दिया और उनके घर जाना बंद कर दिया आखिर ऐसा क्यों …इसलिए क्यूंकि उंने एड्स था ……..एड्स कोई छुआ-छूत की बीमारी तो नहीं है ये आन्तरिक कारण से फेलती है हम समाज में रहते है तो कैसे एड्स पीडितो को समाज से अलग कर सकते है…..आखिर ये बीमारी समाज में रहकर ही तो फेला है तो हमारा समाज उनसे घिर्ण कैसे कर सकता है …आप सब खुद सोचये जब हम सबको पता चलता है की वह व्यक्ति H .I .V पोसिटिव है तो हम इतना घबरा जाते है तो उस व्यक्ति को कैसा लगता होगा ..जिसे खुद ये बीमारी हुआ है ….

आज हॉस्पिटल में भी इसकी खिली उड़ती है –व्यक्ति संकोच के मारे अपने बीमारी के बारे में खुलकर कुछ नहीं कह पता है पर ऐसा क्यों ….क्यूंकि हमारा समाज खुद इस बीमारी को लेकर और इसके बारे में खुलकर बातें नहीं करता है ……लेकिन हमे ऐसा नहीं करना चाहिए हमे एड्स के प्रति लोगो को जागरूक करना चाहिए और …..हो सके….इससे रुकने का का प्रयाश करना चाहिए …… और हमे एड्स पीडितो का साथ देना चाहिए ताकि वे सब अपना इलाज करवा सके न की संकोच मन इस बीमारी से मरते रहे है ………………….

शालिनी शर्मा

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