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सावन में बरसे प्यार की बुँदे …

कलम की आवाज़ से
कलम की आवाज़ से
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दिल दीवाना हुआ इस कदर मेरा,
प्यार ना जाने कब हुआ हमारा,
इश्क से अनजान दुनिया सारा,
मुहब्बत का है ये इकरार पहला पहला ,

लम्हों ने गुज़ारिश कर दी, मेरे दिल धकन हो गयी,
ये इश्क तेरा अब हो गया, इस प्यार ने तुझे अपना लिया,

इस कदर चाहेगे हम ये हमने सोचा नही था,
दिल धडके गा इस कदर ये जान के अंजना था
बारिसे न जाने कब बरसे हुए है,
ज़िंदगी ना जाने कबसे तरसे हुए है…

दुनिया ने काबुल ये करली, इस प्यार को सबने अपना लिया,
ये इश्क तेरा अब हो गया, इस प्यार ने तुझे अपना लिया |

दिल दीवाना हुआ इस कदर मेरा,
प्यार न जाने कब हुआ हमारे,
इश्क से अनजान दुनिया सारे,
मोहब्बत का है इकरार पहला पहला,

सच तो सपने हो गए लेकिन……दर्द के सीले दे गए…
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