कलम की आवाज़ से
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लाखो करोडो लोगो के बीच रहना है फिर भी कहते है दुनिया कहा है,
लाखो करोडो सपने देखते है फिर कहते है सपने कहा देखते है,
लाखो करोडो तमन्नाये रखते है फिर भी कहते है तमन्नाये कहा है,
लाखो करोडो दोस्तों के बीच रहते है फिर भी ढूँढ़ते है सच्चे दोस्त कहा है,
लाखो करोडो दुआऊ के बीच रहते है फिर कहते है दुआऊ कहा है,
लाखो करोडो खुशियों के बीच रहते है फिर भी कहते है ख़ुशी कहा है,
लाखो करोडो प्रेम करने वालो के बीच रहते है फिर भी ढूँढ़ते है सच्चा प्रेम कहा है |
ये सब कही और नहीं इसी दुनिया में है, अगर आपको अपने पर भरोसा है,
तो पा लीजिये अपना मंजिल और उसको अपने से दूर जाने मत दीजिये . याद रखये
मंजिल उन्ही को मिलते है जो कोसिस करते है चाहे वो प्रेम के लिए हो य फिर अपने मंजिल के लिए…|
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